मेरे दिल के करीब आओगे कब तुम ?
मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ?
आकर मुझे गले से लगाओ कब तुम ?
चूड़ियां लाई हूं मैं अभी मीना बाज़ार से।
आकर चूड़ियों को पहनाओगे कब तुम ?
सुहागन हूं मै,मेरी मांग सूनी पड़ी है।
आकर मेरी मांग को भरोगे कब तुम ?
मेरी बाहों में अब तुम जाओ सनम।
इश्क के इत्र से नहलाओगे कब तुम ?
लाजवंती हूं मै,लाल दुपट्टा लाई हूं मै।
आकर इस दुपट्टे को ओढ़ाओगे कब तुम ?
कर रही हूं इंतज़ार तुम्हारा बहुत देर से।
आकर अपनी सांसों से सताओगे कब तुम ?
मैफिल में बैठी हूं,अब तो आ जाओ सनम।
रस्तोगी की ये गज़ल सुनाओगे कब तुम ?
आर के रस्तोगी गुरुग्राम