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23 Dec 2020 · 1 min read

मेरे तेरे प्रणय की ,

बारिश की मस्त बूँदो जैसे , तीव्र पवन झकझोरते वेगों से
अहसास मेरे जो बनते बिगड़ते , दे कर स्वीकृति जगा दो प्रिये

मेरे तेरे प्रणय की , अनूठी औ अनश्वर कृति रचा दो प्रिये

हर ऊँचाई से ऊँचा हो , हर गहराई से गहरा हो
न कोई इसमें हो लुका छुपी , न कोई हो आना कानी
मेरे तेरे प्रणय की , अनुपम औ अमर आकृति बना दो प्रिये

मेरे तेरे प्रणय की , अनूठी औ अनश्वर कृति रचा दो प्रिये

तन के सीमित बंधन से निकल विश्वव्यापी हो प्रेम अपना
जिसमें दिखता हो सर पल , आत्मसमर्पण से भरा सपना
मेरे तेरे प्रणय की , अलौकिक औ अजर सृष्टि सजा दो प्रिये

मेरे तेरे प्रणय की , अनूठी औ अनश्वर कृति रचा दो प्रिये

Language: Hindi
Tag: गीत
74 Likes · 3 Comments · 402 Views
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