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4 Dec 2016 · 1 min read

मेरे कुछ हाइकु

मेरे कुछ हाइकु

*अनिल शूर आज़ाद

सूरज छिपा
घिरने लगी सांझ
विहग उड़े।

हंसा चन्द्रमा
रात्रि-रानी देख के
नाचे तारक।

यह अंदाज़
तुम्हारी कसम
भूलेगा नहीं।

Language: Hindi
206 Views

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