मेरे इश्क की गहराइयाँ
मेरे इश्क की गहराइयाँ
समन्दर से भी गहरी हैं,
हर लम्हा तेरी खुशबू
से महकता है मेरा मन
जो तू है
सब कुछ हासिल है मुझे
तेरे बिना
जिंदगी का तसव्वुर भी अधूरा है
हिमांशु Kulshrestha
मेरे इश्क की गहराइयाँ
समन्दर से भी गहरी हैं,
हर लम्हा तेरी खुशबू
से महकता है मेरा मन
जो तू है
सब कुछ हासिल है मुझे
तेरे बिना
जिंदगी का तसव्वुर भी अधूरा है
हिमांशु Kulshrestha