मेरे अल्फाज
1अगर इश्क हादसा है, तो इससे गुजरने दो
दो दिलों को इसमें घायल होने दो
2चलना है, चलना है चलते ही जाना है
ना झुकना है, ना रुकना है बस,मंजिल को पाना है
3अधूरा है चाँद, अधूरी है रातें
अधूरे है हम,या अधूरी है हमारी चाहतें
1यूँ ही नहीं मिलती मंजिल किसी को
बहुत कुछ खोना पड़ता है
एक बसन्त को पाने के लिए
पतझड़ को भी सहना पड़ता है
4ऐ जिंदगी तुझसे हारा नहीं हूँ मैं
थका हुआ हूँ,मगर रुका नहीं हूँ मैं
:कुमार किशन कीर्ति,बिहार