मेरे अल्फाज को समझो __ मुक्तक
मेरे अल्फाज को समझो , नहीं बकवास करता हूं।
मेरे हो अपने तुम सारे मैं यही निवास करता हूं।
मूल्य तुम जीवन का जानो,जरा खुद को तो पहचानो,
अंश हूं आत्मा का मै अनवरत प्रवास करता हूं।।
राजेश व्यास अनुनय
मेरे अल्फाज को समझो , नहीं बकवास करता हूं।
मेरे हो अपने तुम सारे मैं यही निवास करता हूं।
मूल्य तुम जीवन का जानो,जरा खुद को तो पहचानो,
अंश हूं आत्मा का मै अनवरत प्रवास करता हूं।।
राजेश व्यास अनुनय