मेरी सबसे प्यारी दोस्त
मेरी डायरी का कुछ अंश*
कुछ दिन पहले की बात है…मैं बाजार के लिए निकला कुछ दूर चलने के बाद मेरे कदम ठिठक गए और मैं उसे देखता रह गया… उसे देखते देखते ना जाने किन ख्यालों में खो गया। उसके चले जाने के बाद मेरी तंद्रा भंग हुई तब मैंने उसे इधर उधर ढूंढा पर वह नहीं मिली बात दरअसल यह थी कि 5-7 वर्ष की छोटी बच्ची अपने दोस्तों के साथ इलाहाबाद के कटरा बाजार के समीप स्थित कचड़े के ढेर से प्लास्टिक,टीन,लोहे आदि का कचरा इकट्ठा कर रही थी। उसे देख मुझे मेरे दोस्त द्वारा लिखी कविता याद आ गई…. जो कुछ इस प्रकार थी…. “कल कूड़े में बचपन को बचपन ढूंढते देखा मैंने… सुबह सुबह अखबार लिए बचपन को घूमते देखा मैंने”…
इस नन्ही सी उम्र में अन्य बच्चे जब गुड्डे गुड़ियों से खेलते हैं तब वह कूड़े के ढेर से कूड़ा चुनने पर विवश थी।
खैर अब वह जा चुकी थी…मैं भी बाजार चला गया।
कुछ दिनों बाद…..
आज सुबह मैं जल्दी उठा मुझे N.S.S के कार्यक्रम में जाना था N.S.S के द्वारा आज गरीब बच्चों को किताब कलम इत्यादि बाटा जाना था एवं 10-10 N.S.S कार्यकर्ताओं का ग्रुप अलग-अलग मोहल्लों में गरीब बच्चों को पढ़ाने वाला था। मैं भी उसका हिस्सा था संयोग से मेरे ग्रुप उस मोहल्ले में गया जहां पर वह लड़की रहती थी हम लोगों के वहां पहुंचने के बाद बच्चे इकट्ठा होना शुरू हो। गए तभी मेरी नजर उस पर पड़ी… मैंने उसे पास बुलाया और उसका नाम पूछा तुम्हारा नाम क्या है? उसने कुछ नहीं बताया फिर मैंने प्यार से पूछा तुम्हारा नाम क्या है ?वह धीरे से बोली सिया… और जाने लगी मैंने उसे दोबारा बुलाया और मैंने उसे चॉकलेट दिया वह चॉकलेट ले कर चली गई। हम लोग पढ़ाने लगे पढ़ाने के दौरान मैंने उसे अपने पास ही बैठाया आज मैं उन्हें अंग्रेजी पढ़ा रहा था सिया आज बहुत खुश नजर आ रही थी पढ़ने में भी वह बहुत होशियार थी। पढ़ाई खत्म करने के बाद जब हम लोग लौटने लगे तो मैंने उससे पूछा कहां रहती हो उसने थोड़ी दूर पर स्थित फुटपाथ पर बने एक तंबू की तरफ इशारा किया और दौड़ती हुई चली गई और मैं भारत के स्वतंत्रता 70 वर्षों के बाद भी इस स्थिति पर विचार करता हुआ हॉस्टल लौट आया।
और अब मुझे जब भी N.S.S के कार्यक्रम में जाने का मौका मिलता है। तो मैं उसी के मोहल्ले में जाना पसंद करता हूं । उसके बाद मैं कई बार वहां गया अब वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गई है अब मैं जब भी जाता हूं तो पढ़ाई के बाद हम खेलते भी हैं….
Rohit Raj Mishra
Student of Allahabad University