मेरी लेखनी में उतरआ मां
मेरे हर राग हर छंद का सार मुझे बनाता हूं
तेरे कमल चरणों में अपना सिर झुकाता हूं
हे मां वीणावादीनी तेरी अर्चना में अपने शब्द चढाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं
मेरे हर राग हर छंद का सार मुझे बनाता हूं
तेरे कमल चरणों में अपना सिर झुकाता हूं
हे मां वीणावादीनी तेरी अर्चना में अपने शब्द चढाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं