मेरी माटी मेरा देश भाव
मेरी माटी मेरा देश भाव,
साथी मेरे तुम पहचानो।
गौरव गाथा अपने भारत की,
जग समझाओ खुद भी जानो।।
भारत प्यारा है देश हमारा,
वृहद शौर्य से इसका नाता।
ज्ञान बुद्धि का बहु भण्डार यहाँ,
इतिहास हमें है बतलाता।
पावन मिट्टी का हर कण कहता,
नीर वीरता सत मुख छानो।
गौरव गाथा अपने भारत की,
जग समझाओ खुद भी जानो।।
भागी हिंद देश की उन्नति का,
हम सबको भी तो है बनना।
बैर भाव तज देश एकता का,
सत्य भाव है निज उर भरना।
शपथ देश की सर्व सुरक्षा की,
सच्चे मन से जनगण ठानो।
गौरव गाथा अपने भारत की,
जग समझाओ खुद भी जानो।।
शांति प्रेम का है हिंद पुजारी,
सारा जग इस सच को जाने।
आतंक विरोधी नीति सख्त है,
रूप हिंद का नव पहचाने।
वीर वीरता की गाथाओं का,
वर्णन हो जन कानो-कानो।
गौरव गाथा अपने भारत की,
जग समझाओ खुद भी जानो।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम