मेरी बगल में उनका महान हो गया
मेरी बगल मे उनका मकान हो गया
बेगम के रूठने का सामान हो गया !
आये वो दर पे मेरे करने मुझे सलाम
नजरों में उनकी मैं ही,अंजान हो गया।
करने लगी वो बातें,बीती हुई तमाम,
घर जंग का तभी से मैदान हो गया !
माहौल मेरे घर का,कुछ हो गया है यूं,
अपने ही घर में मैं अब,महमान हो गया ।
रमेश शर्मा.