मेरी नजर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बो बातें जो उन्हें अपने समय के बाकी सभी नेताओं से श्रेष्ठ बनाती हैं |
हालही में भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर कुछ अहम फैसले किए हैं जिससे नेताजी को लेकर पूरे देश में चर्चाएं हो रही हैं | जिनमें से पहला फैसला ये है कि अब से गणतंत्र दिवस की शुरुआत नेताजी की जन्म जयंती यानी की 23 जनवरी से होगी और दुसरा और सबसे बड़ा फैसला ये है कि इंडिया गेट के सामने की कनोपी जहां 1968 तक महाराजा जार्ज पंचम की मूर्ति लगी थी वहां अब ग्रेनाइट की नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगेगी अभी वहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया है |
नेताजी से जुड़े तथ्यों पर बात की जाय तो उनके कांग्रेस के अध्यक्ष पद त्यागने से लेकर फिर आईएनए (इंडिया नेशनल आर्मी) और फिर प्लेन क्रैश में उनके निधन तक सब जानते हैं और अब तो इस पर बहुत बातें हो भी रही हैं | यहां मै ये बताता चलूं की उनकी प्लेन क्रैश में निधन होने की सत्यता पर काफी विवाद हैं और बहुत बड़ी तादाद में लोग इसे नही मानते जिनमें से मै भी हूं और इस पर काफी किताबें भी लिखी जा चुकी हैं | मगर आधिकारिक तौर पर भारत सरकार अब तब प्लेन क्रैश में उनकी मौत हो जाने को ही मानती है तो हम भी अपनी बात वही तक सीमित रखते हैं |
हमारे भारतीय समाज में त्याग करने वाले की सर्वथा स्वीकार्यता और सम्मान मिला है प्रभु श्री राम भी शायद इसी लिए पूजनीय हैं कि उन्होंने त्याग किया और जब अपनी पत्नी की सुरक्षा का प्रश्न आया तो सन्यासी होने के बावजूद भी युद्ध किया है और शक्तिशाली और अतातायी राक्षसों का अंत किया | ये गुण नेताजी में भी पल्लवित होते हैं | नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी कई त्याग किए जिसमें उनका आईसीएस जो आज के आईएएस के समान थी पास करने के बाद भी त्याग देना और देश सेवा में संलग्न होना या फिर कांग्रेस के अध्यक्ष पद का त्याग करना हो आदि और जब उन्हें लगा कि अपनी भारत माता की स्वतंत्रता अहिंसा के बल पर मिल पाना संभव नहीं है तो फिर युद्ध का मार्ग चुनते हुए अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध लड़ने का निर्णय करना |
सब को साथ लेकर परस्पर आपसी सहयोग की भावना का गुण और प्रेरणादायी विचारों के साथ जनसामान्य से संवाद स्थापित कर लेने का वो गुण ही था जिससे प्रवासी भारतीययों ने नेताजी की आईएनए को धन का दान दिया और 1944 के समय में भी उनकी आईएनए में रानी झींसी ब्रिगेड बनी | यह कुछ ऐसे गुण हैं जो शायद नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अलावा किसी समकालीन नेता में नही थे यह मै अपने अब तक के अध्ययन के आधार पर लिख रहा हूं यह हो सकता है कि मेरे अध्ययन का दायरा अभी बहुत छोटा हो या आप मुझसे सहमत ना हो मै आपकी असहमति को सहर्ष स्वीकार करता हूं |