मेरी नजरो में बसी हो तुम काजल की तरह।
मेरी नजरो में बसी हो तुम काजल की तरह।
तान ए मौशिकी छेड़ जाती हो बजती किसी पायल की तरह।
मैं चाहता हूं तुम्हे किसी पागल की तरह।
तुम हर रोज बरसा जाती हो अपनी मोहब्बत किसी बादल की तरह।
RJ Anand Prajapati
मेरी नजरो में बसी हो तुम काजल की तरह।
तान ए मौशिकी छेड़ जाती हो बजती किसी पायल की तरह।
मैं चाहता हूं तुम्हे किसी पागल की तरह।
तुम हर रोज बरसा जाती हो अपनी मोहब्बत किसी बादल की तरह।
RJ Anand Prajapati