मेरी धड़कन की गलियों में ___ मुक्तक
मेरी धड़कन की गलियों में ,तेरी धड़कन का पहरा है।
ऐसे ही रहना तू संग में, प्यार जो अपना गहरा है।।
समाई तू मुझमें गौरी, प्रीत मैंने भी निभाई है।
तुम्हारा मेरा दिल सजनी, प्रीत के गांव में ठहरा है।।
राजेश व्यास अनुनय
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जब तक धड़केगी धड़कन होगी न अपनी तो अनबन।।
मुझको तुम समझती हो समझता तुमको मेरा तन मन।
प्रीत के हम हैं दीवाने, हम तकरार क्या जाने।
महकाऐंगे हमेशा ही हम तो अपना यह उपवन।।
राजेश व्यास अनुनय