मेरी डायरी (भाग-7) नयी विधा में ले खन और पुरस्कार
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मेरी प्रिय डायरी (भाग-7) (नयी विधा में लेखन और पुरस्कार)
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, टीकमगढ़ (मप्र)
दिनांक 9-6-2021 समय रात 8:30
मेरी प्रिय डायरी,
आत्मिक स्नेह
मेरे एक मित्र हैं उन्हें अक्सर रात में नींद नहीं आती और जब आती है तो सुबह चार बज जाते है फिर क्या 10 बजे उनका सबेरे होता है उनकी नौकरी भी ऐसी है कि दोपहर 2बजे से 8 बजे तक वो भी वर्क टू होम कहीं जाने का झंझट ही नहीं। जब उन्होंने मुझे अपनी व्यथा सुनायी तो मैंने उन्हें काव्य की नयी नयी विधाएं लिखने के लिए उकसाया बैसे वे दोहा गीत, तो लिख लेते है।
इसलिए मैंने एक दिन उनसे तांका छंद लिखने को कहा पूरी नियम बता दिये उन्होंने ने रात में अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाये और 5 तांका लिखकर मुझे भेज दिये सबेरे देखा तो पांच तांका पढ़ें अच्छे बन गये थे मैंने उन्हें बधाई दी। कुछ दिन बाद मैंने उनसे कहा पिरामिड कविता लिखने लगो दो-तीन उदाहरण देकर बता दिया कैसे लिखते है फिर क्या है रात में उनने तीन पिरामिड कविता बनाकर मुझे पोस्ट कर दी सुबह मैंने मोबाइल पर देखा तो पढ़कर अच्छा लगा बढ़िया कविता बन गयी थी मैंने फिर से बधाई दी। उन्हें भी अब मज़ा आने लगा जब मैंने देखा कि वे अच्छा लिखने लगे तो मैं भी विधा में दो-तीन रचनाएं लिखकर पोस्ट कर देता इस प्रकार से हम दोनों ही नयी नयी विधाऔ में कलम चलाने लगे बहुत आनंद आया और नयी रचनाएं भी हो गयी।
सौभाग्य से एक प्रतियोगिता में इन्हीं नयी रचना पर एक दिन एक हजार एक सौ रुपए का द्वितीय पुरस्कार मिला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मेरा उस अखिल भारतीय प्रतियोगिता में दूसरा स्थान मिला है जब आयोजक ने सम्मान पत्र मोबाइल पर भेजा दिया फिर मेरा खाता नंबर मांगा और कहा की हम राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर देते है तो मैं घबरा गया कहीं धोखाधड़ी का शिकार न हो जाऊ।
अब मैंने दिमाग लगाया और जिसे पहला पुरस्कार मिला था उसको मोबाइल लगाकर पूछा तो उसने कहा सही आदमी है मेरे खाते में राशि आ गयी है तब मैंने भी उन्हें अपना बैंक खाता नंबर भेज दिया शाम उन्होंने राशि मेरे खाते में ट्रांसफर कर दी। मुझे बहुत आत्मिक खुशी हुई।
कभी कभी ज्ञान देने के साथ साथ उस पय स्वयं भी अमल करे तो हमें फायदा हो जाता है।
आज बस इतना ही, शेष फिर कभी।
शुभरात्रि, स्वस्थ रहे, मस्त रहे।
आपका अपना-
-राजीव नामदेव _राना लिधौरी’
संपादक-‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,टीकमगढ़
पिन कोड-472001 (मप्र) भारत
मोबाइल-91+9893520965
Email- ranalidhori@gmail.com
Blog- rajeevranalidhori.blogs
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