मेरी जिंदगी।
मेरी राह भी तू,मेरी मंज़िल भी,
मेरी मुस्कान भी तू मेरी खामोशी भी तू,
मेरी दुआ भी तू,मेरा ख़ुदा भी तू,
ख्वाईश भी तू,मेरा तकल्लुफ भी तू,
मेरा जिस्म भी तू,मेरी रूह भी तू,
मेरे जीने का आख़िरी अरमां भी तू
मेरे महबूब तू बस इतना समझ,
मेरी जिंदगी की पूरी कहानी है तू।।
दीपक ‘पटेल’