मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
खुले ज़ुल्फ़
गहरे रंग का परिधान
सादगी से ओतप्रोत
तेरी हर अदा
हल्की सी मुस्कुराहट
मन में रखा हज़ारों भाव
अपनों में डूब
खुद को रखते खुश
तेरे इसी फ़ना के तो
हैं अनेकों फ़नकार…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
खुले ज़ुल्फ़
गहरे रंग का परिधान
सादगी से ओतप्रोत
तेरी हर अदा
हल्की सी मुस्कुराहट
मन में रखा हज़ारों भाव
अपनों में डूब
खुद को रखते खुश
तेरे इसी फ़ना के तो
हैं अनेकों फ़नकार…