मेरी औकात
देखी है लोगो की बेरुखी और
नज़र अंदाज़ करने का हुनर भी देखा है।
इस से भी ज्यादा हमने
शौहरत का सुरुर देखा है!
जरुरत तुम्हें ही होती होगी,
यूं गुरुर दिखाने की, अलबत्ता
जिनकी औकत नहीं होती
उनका ही गुरुर देखा है!
बेवजह का भ्रम है साहब
यूं न पाल रखिए,
हमने भी देखा है करीब से जमाने को,
अच्छे अच्छे रावण है एक दिन अंत जरूर देखा है।
@साहित्य गौरव