मेरी अभिव्यक्ति…
“प्रेम” चित्त की एक दशा है, जो संसार के समस्त प्राणियों के लिए आपके कोमल भावनाओं द्वारा प्रदर्शित होता है! प्रेम का अर्थ है किसी के लिए आपके अंदर की सच्चाई और स्वच्छ भावनाएं, क्योंकि जहाँ सत्य है वहीं प्रेम है अर्थात सत्य ही “प्रेम” है…