मेरा स्थानांतरण
मन मे लागी है लगन फिर खिलाना है चमन।
मन तू होना न उदास मन कल तो न कभी होगा तेरा अपना ।
बिता कल तू दे भुला जैसे मीठा सपना।
मधु स्वप्न की स्मरति रखना पास सदा।
इन मधु यादों से महकाना है चमन।
मन मे….
बहते झरने की तरह मस्त लहरों की तरह
तूफां आँधी से न डर बढ़ तू आगे की तरफ मंजिल ढूंढ़ लेंगे कदम
मन मे….
फूल वो भी थे सजे फूल हैं यहां भी खिले
छूटे पीछे जो सुमन दिल से उनको दे दुआ
महके खुश होके सदा रहे आबाद चमन।
मन मे …
मीत पुस्तकें हैं तेरी छात्र मंजिल का पता।
चाक सरगम तू समझ लेखनी से गीत सजा।
आज कर रेखा मनन फिर खिलाना है चमन।
रेखा रानी