मेरा लिखा ____ मुझे और कुछ गढ़ना — शेर
मेरा लिखा पढ़ना चाहोगे,
लिखी मेरी रचनाओं तक जाओगे।
कहीं ऐसा तो नहीं,देख शीर्षक,
यों ही वाह वाह कर जाओगे।।
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मिले वक़्त खोलकर पढ़ना,
हो अच्छा तो उसमे ढलना।
कमियां मेरी बताना सारी,
मुझे और कुछ गढ़ना।।
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राजेश व्यास अनुनय