मेरा यकीन
खुशी भी हमेशा नहीं रहती है…
गम भी कभी नहीं ठहरते हैं…
मौसम भी बदलते रहते हैं…
और वक्त गुज़रते रहते हैं…
फूल मुर्झाकरभी दोबारा
खिलते हैं………
सिर्फ़ खुदा की जात है…वो
हम तो उस पर ही यक़ीन करते हैं
उस की इजाज़त के बग़ैर तो…
पत्ते भी ना हिला करते हैं….
ये उसी का करम है सब पर
हम तो बस उस की नेमातो का..
शुक्र अदा करते हैं……shabinaZ