मेरा महबूब
बाँसुरी में कोई धुन जैसे लगाई हुई है,
जैसे बादल में घटा काली छाई हुई है,
मेरी जाँ तुम भी मेरे खातिर वैसी ही हो
जैसे फूलों में कोई खुशबू समाई हुई है
बाँसुरी में कोई धुन जैसे लगाई हुई है,
जैसे बादल में घटा काली छाई हुई है,
मेरी जाँ तुम भी मेरे खातिर वैसी ही हो
जैसे फूलों में कोई खुशबू समाई हुई है