Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 2 min read

मेरा भारत बदल रहा है,

मेरा भारत बदल रहा है, लिख रहा है नयी ईबारत,
दबे हुए अरमानों की,, नये नए फरमानों की,
बीत गए अफसानों की,नव सृजित अभियानों की,
अमृत काल यह चल रहा, मेरा भारत बदल रहा!
हम क्यों पूजैं गांधी को,हम क्यों मानै नेहरु को,
स्वतंत्र देश में जन्मे हैं, हम क्या जाने गुलामी को,
लडी होगी जंग जिन्होंने, हमने उनको कब देखा है,
सुनी सुनाई बातों को ,कब कहाँ किसने परखा है,
हम वर्तमान में जीने वाले, भूतकाल में क्या रखा है,
अमृत काल यह चल रहा है, मेरा भारत बदल रहा है।
मैंने बचपन को कैसै जीया,हर अभाव को देखा परखा,
तन ढकने को पहनी खादी,पैरों पर चप्पल टायर की,
चुनने का विकल्प कहाँ था, जो मिल जाता उसी में खुश था,
मंडूवा झंगोरा खाने को मिलता, गैंहू चावल मैहमानो में बंटता,
गुड चटनी में रोटी खा जाते,और दही मठ्ठा को पी जाते,
पैदल पैदल स्कूल जाया करते, घर आकर पानी ढोते,
बार त्योहार छुटियां जो पडती, घास काटने की बारी लगती,
फसल काटना और ढोकर लाना,आंगन मै रख बैल चलाना,
सुखा सुखा कर ढेर लगाना, फिर उसको संभाल कर रखवाना,
यह सब आज की पीढ़ी क्या जाने, गुलामी आजादी के मायने,
अमृत काल यह चल रहा है, मेरा भारत बदल रहा है।
अब तो डिमांड पर निर्भर है, हर सुख सुविधा पर नजर है,
हम तब कब मंदिर मंदिर जाते, हां दीपक हर रोज जलाते,
श्री हरि का स्मरण करते, गणपति की पूजा करते,
नवरात्रों मे देवी माँ को जपतै , हरियाली प्रसाद में बांटते
जन्माष्टमी और शिवरात्रि,हर्षोल्लास सै मनाए जाते,
राम की महिमा राम ही जाने, राम को हम पुरुषोत्तम मानै,
अब राम लला जी विराज गये हैं, सब आंंन्नद विभोर हुए हैं,
अमृत काल यह चल रहा है, मेरा भारत बदल रहा है।

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
भूल जाती हूँ खुद को! जब तुम...
भूल जाती हूँ खुद को! जब तुम...
शिवम "सहज"
Happy Mother's Day ❤️
Happy Mother's Day ❤️
NiYa
Vishva prakash mehra
Vishva prakash mehra
Vishva prakash Mehra
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
गुरूर  ना  करो  ऐ  साहिब
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
Bundeli Doha-Anmane
Bundeli Doha-Anmane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
शायद मेरी सदा उसके दिल में उतर
शायद मेरी सदा उसके दिल में उतर
Shyam Sundar Subramanian
पिता
पिता
Sanjay ' शून्य'
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
Ravi Prakash
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
Shashi kala vyas
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
औरत अपनी दामन का दाग मिटाते मिटाते ख़ुद मिट जाती है,
औरत अपनी दामन का दाग मिटाते मिटाते ख़ुद मिट जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
तुम हो कौन ? समझ इसे
तुम हो कौन ? समझ इसे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना
कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना
पूर्वार्थ
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4108.💐 *पूर्णिका* 💐
4108.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
■आप बताएं■
■आप बताएं■
*प्रणय*
आज बाजार बन्द है
आज बाजार बन्द है
gurudeenverma198
हौसले के बिना उड़ान में क्या
हौसले के बिना उड़ान में क्या
Dr Archana Gupta
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
" ओके "
Dr. Kishan tandon kranti
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
आर.एस. 'प्रीतम'
गरिमा
गरिमा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...