मेरा दिल भर आया बहुत सा
चांद के हुस्न को जब देखा,
मेरा दिल भर आया बहुत सा!!
मदहोश होकर उठे तारे भी,
ख़ूबसूरती में वो चांद से कम नहीं!!
कितनी प्यारी है शबनमी रात यहाँ,
चांदनी और तारों के साथ गाना यहाँ!!
यूं सारी रात जागती है ये रात की रानी,
मन में दिखा देती है ख्वाबों की कहानी!!
चांद की किरणों को छूने को जी चाहे,
ये प्यार भरी गज़ल आपको सुनाना चाहे!!
मेरे चांद को उदासी से जगाने के लिए,
गज़ल लिखी है, खुश रहने, मुस्कुराने के लिए!!
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©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़