मेरा दिल गया
मेरा दिल गया, मेरी जा गयी
मेरा दिल गया ,मेरी जा गयी
मैं हो तुझपे कुर्बा
कुर्बा-कुर्बा कुर्बा गयी
मैं हो तुझपे कुर्बा
कुर्बा- कुर्बा कुर्बा गयी
मेरा दिल गया, मेरी जा गयी
मैं हो तुझपे कुर्बा
कुर्बा-कुर्बा कुर्बा गयी
साडी तेनू पहचा नही
भूल गया तु मैंनू रब्बा
जो तुने मेरे साथ गुजारे
वो पल अब तुझको याद नही
मेरा दिल गया ,मेरी जा गयी
मैं हो तुझपे कुर्बा गयी
कुर्बा-कुर्बा-कुर्बा गयी
अच्छे अपने हालात नही।
बुरे समय में देता कोई साथ नही।
दे दे दिल किसी को अपना
क्या अपनी इतनी ओकात नही?
तुझसे ही क्या उम्मीद लगाये
जब तुमको हमपे विश्वास नही।
मेरा दिल गया ,मेरी जा गयी ।
हो तुझपे कुर्बा गयी।
मैं तुझको पहचान गयी।
तु हे क्या ये जान गयी।
हे तु बेवफा कितना
मैं पहचान गयी।
हो तुझपे मैं कुर्बा गयी
कुर्बा-कुर्बा कुर्बा गयी
मेरा दिल गया ,मेरी जान गयी
मैं हो तुझपे कुर्बा
कुर्बा कुर्बा कुर्बा गयी…
हे जिन्दगी अपनी
करनी है शुरूआत नयी।
लगता सारी दुनिया अपने साथ है
पर कोई अपने साथ नही।
रब्ब मानके तुझको
नाम तेरा जपती दिन- रात रही।
मेरा दिल गया ,मेरी जान गयी
हो तुझपे कुर्बा गयी
कुर्बा -कुर्बा कुर्बा गयी
तुने अपनी नजरों का जादू चलाया
तुने प्रेम जाल में मुझे फसाया
अपनी अदाओं का जादू चलाया
झूठी बाते कर-कर के तुने मुझे फसाया
मेरा दिल गया मेरी जान गयी
हो तुझपे कुर्बा गयी
कुर्बा – कुर्बा कुर्बा गयी ….
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Swami ganganiya