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26 Aug 2021 · 1 min read

मेरा तन ही मेरा धन है __मुक्तक

मेरा तन ही मेरा धन है, इसे मैं प्यार करता हूं।
व्याधि न घेरे कोई भी योग हर बार करता हूं।
निरोगी रहे मेरी काया माया की नहीं जरूरत है,
पेट तो भर ही लूंगा मैं, भुजाओं पे गर्व करता हूं।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
3 Likes · 162 Views
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