मेरा जीवन
लिखने को में बहुत लिख चुका, बीती हुई बातो को
भूल में केसे जाऊ, वो मुश्किल वाली रातों को
नींद नही मुझे आती , तब दिल में दर्द गहरा था
पुकारा था बार-बार मैने, उस समय भगवान भी बहरा था
लिखने को में बहुत लिख चुका, बीती हुई बातो को
भूल में केसे जाऊ, वो मुश्किल वाली रातों को
नींद नही मुझे आती , तब दिल में दर्द गहरा था
पुकारा था बार-बार मैने, उस समय भगवान भी बहरा था