Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2022 · 1 min read

मेरा क्या कसूर है ___घनाक्षरी

तुम्हारी नजर से नजर मिल जाए मेरी।
दिल धक धक करे _मेरा क्या कसूर है।।
इठलाती बलखाती चलती हो हिरनी सी।
चला आऊं पीछे पीछे _मेरा क्या कसूर है।।
रुक जाओ बात करो कहां चली जा रही हो।
चल नहीं पा रहा हूं __मेरा क्या कसूर है।।
प्यार हुआ तुमसे ही “अनुनय” मुझको तो।
तुमको हो जाए यदि मेरा क्या कसूर है।।
राजेश व्यास अनुनय

3 Likes · 256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
अर्चना मुकेश मेहता
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
द्वापर में मोबाइल होता
द्वापर में मोबाइल होता
rkchaudhary2012
बेअसर
बेअसर
SHAMA PARVEEN
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"पवित्रता"
Dr. Kishan tandon kranti
रहता  है  जिसका  जैसा  व्यवहार,
रहता है जिसका जैसा व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
Dr. Rajeev Jain
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
करन ''केसरा''
2794. *पूर्णिका*
2794. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*देती धक्के कचहरी, तारीखें हैं रोज (कुंडलिया*
*देती धक्के कचहरी, तारीखें हैं रोज (कुंडलिया*
Ravi Prakash
मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
shabina. Naaz
सडा फल
सडा फल
Karuna Goswami
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कल को छोड़कर
कल को छोड़कर
Meera Thakur
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
Shashi Mahajan
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
Dr fauzia Naseem shad
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
रात का रक्स जारी है
रात का रक्स जारी है
हिमांशु Kulshrestha
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
Rj Anand Prajapati
राणा प्रताप
राणा प्रताप
Dr Archana Gupta
लेखक कौन ?
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
Lokesh Sharma
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
पूर्वार्थ
Loading...