मेरा क्या कसूर है ___घनाक्षरी
तुम्हारी नजर से नजर मिल जाए मेरी।
दिल धक धक करे _मेरा क्या कसूर है।।
इठलाती बलखाती चलती हो हिरनी सी।
चला आऊं पीछे पीछे _मेरा क्या कसूर है।।
रुक जाओ बात करो कहां चली जा रही हो।
चल नहीं पा रहा हूं __मेरा क्या कसूर है।।
प्यार हुआ तुमसे ही “अनुनय” मुझको तो।
तुमको हो जाए यदि मेरा क्या कसूर है।।
राजेश व्यास अनुनय