मेघ बरसे ,मेरा मन तरसे — आर के रस्तोगी
मेघ बरसे ,
मेरा मन तरसे ,
पिया न आये -१
रात अँधेरी ,
दामिनी दमकती ,
खूब डराये -2
सखी झुलाये ,
मन को हरसाये ,
वे नहीं आये -3
प्रिय महीना ,
सावन का महीना ,
साजन आये -4
चाँदनी रात ,
फूलो की बरसात ,
दुल्हन आये -5 ,