मृग की नाभि माहि कस्तूरी
1.
मृग की नाभि माहि कस्तूरी
त्यों शिक्षा नाभि माहि आध्यात्म
ज्यों कस्तूरी कुंडल बसे
त्यों नैतिकता शिक्षा उपवन के द्वार
2.
जब आध्यात्म शिक्षा उपवन में
पुष्प बन खिलने लगे
पीढ़ियाँ उस परमेश्वर की
सर्वोत्तम कृति हो जायेंगी