मुक़द्दस
हूँ मैं दयाना तेरा तूने मेरे सँग ये क्या कर डाला,
बाँट जहां में सॉरी खुशियाँ दर्द मेरे हिस्से लिखा ड़ाला,
मुक़द्दस में कईयों को तो तूने कई अपनें दे ड़ाले,
हमसें तो तूने छीन कर अपनें भी सिर्फ आँसू दे ड़ाले।।
मुकेश पाटोदिया”सुर”
हूँ मैं दयाना तेरा तूने मेरे सँग ये क्या कर डाला,
बाँट जहां में सॉरी खुशियाँ दर्द मेरे हिस्से लिखा ड़ाला,
मुक़द्दस में कईयों को तो तूने कई अपनें दे ड़ाले,
हमसें तो तूने छीन कर अपनें भी सिर्फ आँसू दे ड़ाले।।
मुकेश पाटोदिया”सुर”