मुहोबत का गुमां
उन पर मेरी वफ़ा का असर हो चाहे न हो ,
मगर मुझे अपनी मुहोबत का गुमां है।
एक दिन तो यह पत्थर जरूर पिघलेगा ,
मुझे अपनी वफाओं पर इत्मीनान है।
उन पर मेरी वफ़ा का असर हो चाहे न हो ,
मगर मुझे अपनी मुहोबत का गुमां है।
एक दिन तो यह पत्थर जरूर पिघलेगा ,
मुझे अपनी वफाओं पर इत्मीनान है।