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10 Aug 2017 · 1 min read

** मुहब्बत यूं बदनाम नहीं होती **

चाहत कभी गुमनाम नहीं होती

राहे कभी सुनसान नहीं होती

होती चाहत तेरे दिल में मेरी

तो मुहब्बत यूं बदनाम नहीं होती ।।

?मधुप बैरागी

ऐ सूरज

ज़रा

कैफियत बरत

हम तो

ऐसे भी

इश्क में

तपाए हुए हैं

अपनी तपिस

को

सीने में

बचा के रख

आने वाली

सर्द में

काम आएगी ।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 244 Views
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