मुहब्बत करता है वफ़ा का हिसाब माँगता है – डी के निवातिया
मुहब्बत करता है वफ़ा का हिसाब माँगता है,
होकर बेपर्दा सबके सामने, हिजाब मांगता है,
बड़ा नादाँ शख्स है, दुनिया से वाकिफ नहीं है,
खुदा की इनायत के लिए भी किताब माँगा है !
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स्वरचित : डी के निवातिया