मुहँ ना फुलाया करो
छोटी सी तकरार पर यूँ मुहँ ना फुलाया करो
समझदार हो एक तुम्ही यूँ मुहँ ना फुलाया करो
नाराजगी अपनो से ही होती है गैरों से नही
अपने तो अपने होते हैं यूँ मुहँ ना फुलाया करो
ये शिकवा ये शिकायत ये हंसी ये ठिठोली
इसी का नाम जिंदगी है यूँ मुहँ ना फुलाया करो
रूठना मनाना गर ना हो अपनी जिंदगी में
नीरस सी लगने लगती है यूँ मुहँ ना फुलाया करो
हम नही सुधरेंगे क्योंकी यही तो पहचान है हमारी
हमारी नाराजगी से तुम यूँ मुहँ ना फुलाया करो
रिश्ते सारे अनमोल हैं अपनी जिंदगी के
रिश्ते निभाते निभाते सभी यूँ मुहँ ना फुलाया करो
वीर कुमार जैन
23 अगस्त 2021