मुस्लिम बहनों के हक में ..
वोह कहते हैं की हमें हिरासत में डाल दिया तो हमारी पत्नी की देखभाल और उसका खर्चा कौन उठाएगा ? अब ज़रा इनसे यह पूछिए की जब यह स्वयं पत्नी को मझधार में छोड़ते हैं या छोड़ते आये हैं अब तक तब नहीं सोचा ? हमारी मुस्लिम बहनों के हक में किसी ने तो आवाज़ उठाई ,वरना अब तक बेचारी ज़ुल्म सहती आई हैं.और अब कुछ स्वार्थी ,दम्भी और पाखंडी लोगों को बड़ी तकलीफ हो रही है. क्यों ?