Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2022 · 1 min read

मुस्कुरा के दिखा नहीं सकते

छलक जाएगा दर्द आंखों से ।
मुस्कुरा के दिखा नहीं सकते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
12 Likes · 169 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
मुझे आज तक ये समझ में न आया
मुझे आज तक ये समझ में न आया
Shweta Soni
How to say!
How to say!
Bidyadhar Mantry
चरित्र राम है
चरित्र राम है
Sanjay ' शून्य'
2912.*पूर्णिका*
2912.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
STABILITY
STABILITY
SURYA PRAKASH SHARMA
* मिट जाएंगे फासले *
* मिट जाएंगे फासले *
surenderpal vaidya
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
gurudeenverma198
My luck is like sand
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
किसी को उदास देखकर
किसी को उदास देखकर
Shekhar Chandra Mitra
“उलझे हुये फेसबूक”
“उलझे हुये फेसबूक”
DrLakshman Jha Parimal
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
ಅದು ಯಶಸ್ಸು
ಅದು ಯಶಸ್ಸು
Otteri Selvakumar
आपका इंतज़ार
आपका इंतज़ार
Dr fauzia Naseem shad
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
निरर्थक शब्दों में अर्थ
निरर्थक शब्दों में अर्थ
Chitra Bisht
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
PRADYUMNA AROTHIYA
बे-असर
बे-असर
Sameer Kaul Sagar
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
पूर्वार्थ
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
शीर्षक - पानी
शीर्षक - पानी
Neeraj Agarwal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
*प्रणय*
"सुपारी"
Dr. Kishan tandon kranti
बस अणु भर मैं
बस अणु भर मैं
Atul "Krishn"
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
नूरफातिमा खातून नूरी
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...