कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
कहते है चेहरे में मुस्कान ,
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
आलस करोगे, अंगड़ाई मिलेगी....
*भारतमाता-भक्त तुम, मोदी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
ना रास्तों ने साथ दिया,ना मंजिलो ने इंतजार किया
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
महान व्यक्तित्व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..