Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2024 · 1 min read

मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ

मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
रस्म ए ताल्लुक निभाना नहीं हुआ,
सोचा था उसकी एक झलक देख आऊंगी
मसरूफियत थी इतनी कि जाना नहीं हुआ

158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
Manisha Manjari
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
मां को नहीं देखा
मां को नहीं देखा
Suryakant Dwivedi
सफलता की ओर
सफलता की ओर
Vandna Thakur
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
Bodhisatva kastooriya
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अति मंद मंद , शीतल बयार।
अति मंद मंद , शीतल बयार।
Kuldeep mishra (KD)
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
Vijay kumar Pandey
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
Dr fauzia Naseem shad
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
अस्त- व्यस्त जीवन हुआ,
sushil sarna
"नयन-बाण"
Dr. Kishan tandon kranti
ओ! मेरी प्रेयसी
ओ! मेरी प्रेयसी
SATPAL CHAUHAN
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
Phool gufran
2820. *पूर्णिका*
2820. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
Ravi Prakash
मम्मी का ग़ुस्सा.
मम्मी का ग़ुस्सा.
Piyush Goel
*** सैर आसमान की....! ***
*** सैर आसमान की....! ***
VEDANTA PATEL
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
इत्तिहाद
इत्तिहाद
Shyam Sundar Subramanian
ज्योत्सना
ज्योत्सना
Kavita Chouhan
#आज_का_मुक्तक
#आज_का_मुक्तक
*प्रणय*
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
Ravi Betulwala
निराश मन-
निराश मन-
पूर्वार्थ
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
शेखर सिंह
Loading...