मुदा एहि “डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन” मे दीप ल क’ ताकब तथापि
मुदा एहि “डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन” मे दीप ल क’ ताकब तथापि कतो नहि भेटत एहि परिवेश मे मित्राताक आधारशिला आ श्रृंगारक परिधान !
यदि मात्र विचारक आदान -प्रदान शालीनता भरल भेटय त बुझू हम सफल योद्धा भेलहूँ ! @ परिमल