मुझ को इतना बता दे,
मुझ को इतना बता दे,
मेरी मां कहां है मेरा घर।
और कहा है मेरा आशियां,
समाज ने कहा बेटियां,
पराया धन है,किसी और के घर की,
ये रोनके हैं।
किसी और के घर में जब ,
मै चली गई।
तो वहां जाकर भी मैं पराई ही रही।
मुझ को तू इतना बता दे,
मेरी मां कहां है मेरा घर,
और कहा है मेरा आशियां।