मुझे मेरी ही नहीं जरूरत तुझे तो क्या होगी
मुझे मेरी ही नहीं जरूरत तुझे तो क्या होगी
बिखरे पत्थर मेरी क़ब्र के मेरा बयां होगी।
झूठ फरेब तिलस्मी तेवर तेरे क्या कहने
ना जाने तुझ से मुलाकात कहां कहां होगी।
– मोहित
मुझे मेरी ही नहीं जरूरत तुझे तो क्या होगी
बिखरे पत्थर मेरी क़ब्र के मेरा बयां होगी।
झूठ फरेब तिलस्मी तेवर तेरे क्या कहने
ना जाने तुझ से मुलाकात कहां कहां होगी।
– मोहित