मुझे भूलने की ज़िद हो
ना सफ़र की कोई मंज़िल
गर चल सको तो चलना।
मुझे भूलने की ज़िद हो
गर कर सको तो करना।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
ना सफ़र की कोई मंज़िल
गर चल सको तो चलना।
मुझे भूलने की ज़िद हो
गर कर सको तो करना।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद