मुझे प्रीत है वतन से, मेरी जान है तिरंगा
मुझे प्रीत है वतन से, मेरी जान है तिरंगा
करूँ प्राण तुझको अर्पित, मेरी शान है तिरंगा
मुझे प्रीत है वतन से…..
मेरी शा’इरी में तू है, मेरे शेर हैं सुहाने
सदा गाऊँ मैं जहाँ में, तेरे प्यार के तराने
मेरे गीत मुझसे बोलें, तेरी आन है तिरंगा
करूँ प्राण तुझको अर्पित, मेरी शान है तिरंगा
मुझे प्रीत है वतन से…..
मुझे दे खुदा तू ताकत, करूँ मुल्क की हिफ़ाज़त
रहूं मैं रहूं न चाहे, रहे देश ये सलामत
कहे रोम-रोम मेरा, तेरी जान है तिरंगा
करूँ प्राण तुझको अर्पित, मेरी शान है तिरंगा
मुझे प्रीत है वतन से…..
मेरे दिल में तू ही तू है, फ़क़त तेरी बन्दगी है
मरुँ मैं लिए तिरंगा, ये हसरत-ए-ज़िन्दगी है
मिले शान से शहादत, ये अरमान है तिरंगा
करूँ प्राण तुझको अर्पित, मेरी शान है तिरंगा
मुझे प्रीत है वतन से…..
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