मुझे पागल बनाना चाहती है
निगाहों से पिलाना चाहती है
मुझे पागल बनाना चाहती है।
उसी का हूँ कि मैं कुछ गैर सा हूँ
मुझे वो आज़माना चाहती है।
न सोती है न सोने देती है वो,
कई रातें जगाना चाहती है।
उसे कुछ राज़ कहना है शायद
गले मुझको लगाना चाहती है।
समझ में और कुछ आता नहीं है,
मुझे बस ये बताना चाहती है।
#बाग़ी