मुझे तुझसे इतना प्यार क्यों है
अजनबी मुझे ये बता कि
मुझे तुझसे इतना प्यार क्यों है,
मैं तो तेरी हो चुकी हूं कब से, फिर
तुझे इस चाहत से इनकार क्यों है।
तू किसी और का है ये जानती हूं मैं, तब भी
मेरे होंठों पर अपनी मोहब्बत का इजहार क्यों है।
न नजरें मिली न हम ही मिले कभी,
लेकिन ये दिल इतना बेकरार क्यों है।
लगता है कि तेरी खुशबू है इन हवाओं में,
नहीं तो कोई भी मौसम ऐसा खुशगवार क्यों है।