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25 Dec 2024 · 1 min read

मुझे ख़ुद को देखना है,

मुझे ख़ुद को देखना है,
आईना रहने दो क़िताब दे दो।
अक्षर अक्षर रौशन जैसे आसमा में तारे
मुझे शब्दों का श्रृंगार दे दो।

आईना रहने दो क़िताब दे दो।

जोड़ते जोड़ते घट गया हूं,
किसी शायर का ख़्याल दे दो।
आईना रहने दो क़िताब दे दो।

अब तक जो भी लिख पाया, सवाल पाया
पढ़ने को कुछ जवाब दे दो।

आईना रहने दो क़िताब दे दो।

उसने लिखा है जो भी लिखा, नाटक है,
मुझे भी मेरा किरदार दे दो।

आईना रहने दो क़िताब दे दो।

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