*** मुझे आना पड़ा ***
भीड़ से हम दूर थे बहुत पर भीड़ में आना पड़ा
होकर मज़बूर जो तेरे दर पर मुझे आना पड़ा
रखना चाहा अपने ग़म को छुपाकर जमाने से
मगर दस्तूर ये जमाने से मुझको निभाना पड़ा।।
?मधुप बैरागी
भीड़ से हम दूर थे बहुत पर भीड़ में आना पड़ा
होकर मज़बूर जो तेरे दर पर मुझे आना पड़ा
रखना चाहा अपने ग़म को छुपाकर जमाने से
मगर दस्तूर ये जमाने से मुझको निभाना पड़ा।।
?मधुप बैरागी