Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2024 · 1 min read

मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,

मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,
कमबख्त जिम्मेदारियां दहलीज पार करने नहीं देती

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

1 Like · 128 Views

You may also like these posts

स्थिरप्रज्ञ
स्थिरप्रज्ञ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
संघर्ष और निर्माण
संघर्ष और निर्माण
नेताम आर सी
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरी मोहब्बत का चाँद
मेरी मोहब्बत का चाँद
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अब क्या खोना
अब क्या खोना
Jai Prakash Srivastav
" हकीकत "
Dr. Kishan tandon kranti
Black board is fine.
Black board is fine.
Neeraj Agarwal
# विचार
# विचार
DrLakshman Jha Parimal
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
..
..
*प्रणय*
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
मौत
मौत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चैन भी उनके बिना आता कहाँ।
चैन भी उनके बिना आता कहाँ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
भीड़ दुनिया में
भीड़ दुनिया में
Dr fauzia Naseem shad
सावन आने को है लेकिन दिल को लगता है पतझड़ की आहट है ।
सावन आने को है लेकिन दिल को लगता है पतझड़ की आहट है ।
Ashwini sharma
अपना उल्लू सीधा करना
अपना उल्लू सीधा करना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
''हम मिलेंगे ''
''हम मिलेंगे ''
Ladduu1023 ladduuuuu
2471पूर्णिका
2471पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम्हे क्या लगता,
तुम्हे क्या लगता,
अमित मिश्र
कंपीटेटिव एग्जाम: ज्ञान का भूलभुलैया
कंपीटेटिव एग्जाम: ज्ञान का भूलभुलैया
पूर्वार्थ
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जीवन के सफर में अनजाने मित्र
जीवन के सफर में अनजाने मित्र
ललकार भारद्वाज
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
होना
होना
Kunal Kanth
जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)
जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)
Ravi Prakash
Loading...