मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त, जुदा मुझसे मत होना।
रह नहीं सकता तुमसे दूर, खफ़ा मुझसे मत होना।।
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त—————————-।।
इस जिंदगी का ख्वाब मैंने, फक़त तुमको बनाया है।
अपनी तक़दीर में मैंने, साथी मेरा तुमको बनाया है।।
तू ही हर खुशी है मेरी, नाराज मुझसे मत होना।
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त——————-।।
तुमको ही माना है मैंने, सच्चा हमदर्द जीवन में।
नहीं है प्यार और किसी से, तू ही बसा मेरे दिल में।।
तू ही साहिल मेरी मंजिल का, रुखसत मुझसे मत होना।
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त————————-।।
कभी मत पूछना मुझसे, कितना प्यार है तुमसे।
तेरे बिना सूना है जीवन, बहुत वफ़ा हूँ मैं तुमसे।।
मेरा नसीब सिर्फ तू ही है, बेवफा मुझसे मत होना।
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)